Ajanta Caves Aurangabad In Hindi

Information About Ajanta Caves Aurangabad In Hindi :रमणीय अजंता गुफा का इतिहास


Ajanta Caves Aurangabad In Hindi : अजंता की गुफा महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद शहर मैं स्थित है। ये एक मशहूर गुफा हे।

अजंता की गुफाएँ कहाँ स्थित है


अजंता की गुफाएँ 30 चट्टानों को काटकर बनाई गई बौद्ध गुफा स्मारक हैं जो कि दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर लगभग 480 ई.पू. से भारत के महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले में स्थित हैं।
यह गुफाएँ अजंता नामक गाँव के पास ही स्थित है, जो कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में है।

अजंता की गुफा का इतिहास

अजंता की गुफाएं मुख्य रूप बौद्ध गुफा है, जिसमें बौद्ध धर्म की कला कृतियाँ है। इन गुफाओं का निर्माण दो चरणों में हुआ है। पहले चरण में सातवाहन और इसके बाद वाकाटक शासक वंश के राजाओं ने इसका निर्माण करवाया। पहले चरण की अजंता की गुफा का निर्माण दूसरी शताब्दी के समय हुआ था और दूसरे चरण वाली अजंता की गुफाओं का निर्माण 460-480 ईसवी में हुआ था। बता दें कि पहले चरण में 9, 10, 12, 13 और 15 ए की गुफाओं का निर्माण हुआ था।

दूसरे चरण में 20 गुफा मंदिरों का निर्माण किया गया। पहले चरण को गलती हीनयान कहा गया था, इसका सम्बन्ध बौद्ध धाम के हीनयान मत से है। इस चरण की खुदाइयों में भगवान् बुद्ध को स्तूप से संबोधित किया गया है। दूसरे चरण की खुदाई लगभग 3 शताब्दी के बाद की गई। इस चरण को महायान चरण कहा गया। कई लोग इस चरण को वतायक चरण भी कहते हैं। जिसका नाम वत्सगुल्म के शासित वंश वाकाटक के नाम पर पड़ा है।

अजंता की चित्रकला की विशेषता

Ajanta Caves Aurangabad In Hindi : इन गुफाओं में प्राचीन चित्रकला और मूर्तिकला का बेहतरीन नूमना देखने को मिला था, जिसे भारतीय चित्रकला कला और मूर्ति की कलाकारी का सबसे बेहतरीन उदाहरण माना जाता है। अजंता की गुफाएँ बौद्ध युग के बौद्ध मठ या स्तूप हैं। यह वो जगह है जहाँ बौद्ध भिक्षु रहा करते थे इसके साथ वो यहां अध्ययन और प्रार्थना करते थे। पहली बार अजंता की गुफाओं को 19 वीं शताब्दी में एक ब्रिटिश ऑफिसर द्वारा वर्ष 1819 में तब खोजा गया था जब वे शिकार कर रहे थे और उन्होंने झाड़ियों, पत्तियों और पत्थरों से ढकी एक गुफा देखी।

इसके बाद उनके सैनिकों ने गुफा में जाने के लिए रास्ता बनाया तब उन्हें वहां पुरानी इतिहास के साथ कई गुफाएँ मिलीं। इसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी सरकार को दी। तब से आज तक अजंता की गुफाओं की खुदाई और अध्ययन किया जा रहा है। इसके बाद सन 1983 में इन गुफाओं को विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया था। इस समय यह अद्भुद गुफाएँ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देखरेख में हैं। पूरे साल अजंता की गुफाओं को देखने दुनिया भर से पर्यटक विशेष रूप से बौद्ध अनुयायी इस पर्यटन स्थल पर आते हैं।

अजंता की गुफा का चित्र और वास्तुकला

अजंता की गुफाओं की दीवारों और छत पर भगवान बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं को नक्काशी और चित्रों के द्वारा बताया गया है। अजंता में कुल 30 गुफाएँ हैं जो आपके को आपको पुराने के लोगो की प्रतिभा और अतीत की याद दिलाती है। अजंता की गुफाओं में 24 बौद्ध विहार और 5 हिंदू मंदिर हैं। इन सभी में से गुफा 1, 2, 4, 16, 17 सबसे सुंदर है और गुफा 26 बुद्ध की पुनर्निर्मित प्रसिद्ध प्रतिमा स्थित है। इन सभी गुफाओं की खुदाई लगभग यू-आकार की खड़ी चट्टान के स्कार्पियो पर की गई है जिनकी ऊंचाई लगभग 76 मीटर हैं।

अजंता की गुफाओं का नाम भारत में सबसे ज्यादा देखें जाने वाले पर्यटन स्थल में आता है। यहाँ हर साल बड़ी संख्या में लोग आते हैं। अजंता गुफा के इतिहास पर अगर नज़र डाले तो इन गुफाओं का इस्तेमाल बौद्ध मठ के रूप में किया जाता था जहां छात्र और भिक्षु अपने अध्ययन को वैरागी में दर्ज करने के साथ करते हैं। यह जगह प्रकृति के बेहद करीब थी और भौतिकवादी दुनिया भी काफी दूर थी।

अजंता की गुफाओं के चैत्य गृह में सुंदर चित्र, छत और बड़ी खिड़कियां हैं। पहले खुदाई में मिली गुफाएं दक्कन में पाई जाने वाली गुफाओं कोंडेन, पिटालखोरा, नासिक की तरह है। इन गुफाओं को बनाने का दूसरा चरण 4 शताब्दी में शुरू हुआ था जो वताको के शासन के समय बनाई गई थी। यह गुफाएं सबसे खूबसूरत और कलात्मक थी। इस चरण की गुफाओं में ज्यादातर पेंटिंग का काम किया गया था।

अजंता की गुफाओं की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय

अगर आप अजंता की गुफाएँ देखने जाने का प्लान बना रहे हैं और यह जानना चाहते हैं कि यहाँ जाने के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा है तो बता दें कि यह गुफाएं पर्यटकों के लिए पूरे साल खुली रहती हैं, लेकिन महीने के हर सोमवार को यह बंद रहती हैं।

आप साल में किसी भी मौसम में आप इन गुफाओं को देखने आ सकते हैं। लेकिन अक्टूबर से फरवरी तक अच्छी जलवायु और ठंडा मौसम होने की वजह से यहां पर्यटकों की उपस्थिति पूरे साल की अपेक्षा काफी ज्यादा होती हैं। मार्च से जून तक गर्मी का मौसम होता है जिसमे यहाँ दिन के समय तापमान 40 ° C से अधिक हो जाता है। इसके बाद जून के अंत से अक्टूबर मानसून का मौसम रहता है।

यहाँ गर्मी और बरसात, ठंड की तुलना में ज्यादा होती हैं इसलिए यहाँ आने वाले पर्यटक ठंड से लेकर शरद ऋतू तक यहाँ घूमना ज्यादा पसंद करते हैं। बाकी आप अपनी सुविधा और इच्छा के अनुसार साल के किसी भी मौसम में यहां जा सकते हैं।

अजंता की गुफा घूमने का समय


अगर आप अजंता की गुफाओं की यात्रा पर जा रहे हैं तो आप यहाँ सुबह 09:00 से शाम 05:00 बजे तक घूम सकते हैं, लेकिन महीने के हर सोमवार को यह गुफाएं बंद रहती हैं।

अजंता की गुफा की फीस और शुल्क

अजंता की गुफाओं में प्रवेश के लिए भारतीयों को प्रवेश शुल्क के रूप में 10 रूपये देने होंगे वही विदेशियों के लिए 250 रूपये लगेंगे।
अगर आप अंदर अपना विडियो कैमरा लेकर जाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए 25 रूपये चार्ज देना होगा। 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चो के लिए यहां प्रवेश नि:शुल्क है।

अजंता के आस पास घूमने की जगह

अजंता की गुफाओं के अलावा औरंगाबाद में बहुत सी जगह है, जहां पर आप घूम कर मनोरंजन कर सकते हैं आइए उन जगहों के बारे में भी देख लेते हैं, यह जगह गुफा से लगभग 30 से 50 किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है।

एलोरा की गुफाएं – Ellora Caves

एलोरा की गुफाएं भी अजंता की गुफाओं की तरह ही विश्व धरोहर है। यहां पर भी अजंता की गुफाओं की तरह बहुत सारी गुफाएं हैं, जो कि बेहतरीन निर्माण पद्धति से बनाई गई है। यहां पर बौद्ध हिंदू और जैन तीनों धर्मों की गुफाएं हैं, जिनमें कालांतर में भिक्षु रहा करते थे और भगवान का पूजा पाठ किया करते थे।

दौलताबाद का किला – Daulatabad Fort

दौलताबाद का किला अजंता की गुफाओं से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर जाकर आप शहर के इतिहास के बारे में और अधिक जान सकते हैं। इस किले की सबसे खास बात यह है कि यह किला लगभग 200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहां से आसपास की जगह का दृश्य बहुत ही शानदार दिखता है।

बीबी का मकबरा – Bibi Ka Maqbara

बीबी के मकबरे को मिनी ताजमहल का दर्जा भी दिया गया है। यह 17वीं शताब्दी से ही औरंगाबाद में स्थित है और मुगल राजा औरंगजेब की माताजी की याद में बनवाया गया था, साल भर में यहां पर हजारों टूरिस्ट घूमने के लिए आते हैं।

पंचक्की – Panchakki

यह पानी के द्वारा चलने वाली एक चक्की होती है जो कि औरंगाबाद में ही स्थित है, पानी के ऊपर एक गोल चक्र होता है जिससे कि पानी के बहाव के कारण चक्का गोल घूमता है, इससे आटा पीसने और अलग-अलग प्रकार के कार्य करवाए जाते थे।

भद्र मारुति मंदिर – Bhadra Maruti Temple

यह मंदिर अजंता की गुफाओं से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर है, हिंदू धर्म के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है, यह मंदिर बहुत ही बेहतरीन है और जबरदस्त नक्काशी की गई है।

सिद्धार्थ बाग़ और चिड़ियाघर – Siddharth Garden and Zoo

सिद्धार्थ बाग औरंगाबाद में घूमने की बेहतरीन जगहों में से एक है, अजंता की गुफाएं भी औरंगाबाद में ही स्थित है इसलिए आप सिद्धार्थ बाद बड़ी ही आसानी से जा सकते हैं, सिद्धार्थ बाग़ और चिड़ियाघर अजंता से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है, यहां पर आपको तरह तरह के पेड़ पौधे और जानवरों की अलग-अलग की सिम मिल जाएगी यहां पर आपको पक्षियों के बेहतरीन किसमें मिलेंगी जो कि इनमें से कई पूरे भारतवर्ष में कहीं नहीं मिलती।

निष्कर्ष

अजंता गुफा बहुत ही रमणीय और प्रेरणादायी हे।
लेख के जरिये अजंता की गुफा के बारे में सबंधीत सम्पूर्ण जानकारी दी है। आपको अच्छी तरह से समझ आया होगा।
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Ajanta Caves Aurangabad In Hindi : FAQ

Q.अजंता की गुफाओं से आप क्या समझते हैं?

A.अजंता की गुफाएँ भारत में महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले में दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से लगभग 480 ईस्वी तक की 29 चट्टानों को काटकर बनाई गई बौद्ध गुफा स्मारक हैं।

Q.अजंता की गुफाओं का इतिहास क्या है?

A.अजंता की गुफाओं का संक्षिप्त इतिहास
इस स्थान में बौद्ध भिक्षु रहते थे और अध्ययन एवं प्रार्थना करते थे। 76 मी. तक की ऊंचाई वाले इन गुफाओं की खोज अंग्रेज इतिहासकार जॉन स्मिथ द्वारा की गई थी और इसका निर्माण दूसरी से छठी सदी के बीच किया गया था और वर्ष 1983 में यूनेस्को ने ‘विश्व विरासत स्थल’ की सूची में इसे शामिल कर लिया।

Q.अजंता के चित्र इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं?

A.ये पेंटिंग भगवान बुद्ध के जीवन की विभिन्न घटनाओं को खूबसूरती से दर्शाती हैं । सभी गुफाओं को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है, अर्थात् चैत्य या मंदिर और विहार या मठ। चैत्यों का उपयोग भगवान बुद्ध की पूजा के लिए किया जाता था जबकि विहारों का उपयोग बौद्ध भिक्षुओं द्वारा अपने ध्यान के लिए किया जाता था।

Q.अजंता की गुफाएं क्यों बनाई गई?

A.विश्व प्रसिद्ध विरासत स्थल, अजंता गुफाएं भारत में सबसे पुरानी गुफा स्मारकों में से एक हैं, जो दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में निर्मित की गई हैं। इन गुफाओं को बौद्ध भिक्षु कारीगरों द्वारा कलात्मक रूप से पत्थरों को तराश कर बनाई गई थी, जो यही पर रहना, पूजा करना और शिक्षा देना का कार्य करते थे।

Q.अजंता चित्रकला का विषय क्या है?

A.अजंता चित्रकारी का विषय बौद्ध धर्म से संबंधित है। चित्रकारी दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 7 वीं शताब्दी ईसवी की है। अपने चित्रों में बौद्ध धर्म को दर्शाने वाली ये चित्रकारियाँ मुख्य रूप से धार्मिक थी।

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