COLOSSEUM ITALY INFORMATION IN HINDI : कोलोसियम रोमन साम्राज्य की वास्तुकला, वीरता, शक्ति और उन्नति का प्रतीक है।
कोलोसियम(Colosseum) इटली के रोम नगर में स्थित रोमन साम्राज्य का सबसे बड़ा एलिप्टिकल एंफीथियेटर है जिसको रोमन स्थापत्य और अभियांत्रिकी का एक उत्क्रष्ट नमूना माना जाता है। आपको बता दें कि यह दुनिया के 7 अजूबों में से एक है और यहां पर हर साल लगभग 4.2 मिलियन पर्यटक हर साल आते हैं। रोम के इस अजूबे के बारे में बता दें इसका निर्माण 70-72 वीं ईस्वी के मध्य में शुरू हुआ था जिसको 80वीं ईस्वी में इसको सम्राट टाइटस द्वारा पूरा किया गया था।
पूरा होने के बाद फिर 81वीं इस्वी में इसमें कुछ बदलवा करवाए गए थे। बता दें कि इसका नाम एम्फीथियेटरम् फ्लेवियम, टाइटस और वेस्पियन के पारिवारिक नाम फ्लेवियस के चलते रखा गया है। अगर आप कोलोसियम के बारे में और भी जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें इसमें हमने कोलोसियम के इतिहास और इसके 25 के रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।
Table of Contents
कोलोसियम इतिहास
अंडाकार में बने हुए कोलोसियम में 50000 दर्शक समा सकते थे जो उस समय में किसी भी भवन के लिए बहुत बड़ी बात थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस स्टेडियम में सिर्फ मनोरंजन के लिए योद्धाओं के खुनी लड़ाइयाँ होती थी। यहाँ पर योद्धाओं को जानवरों के साथ भी लड़ाई करनी पड़ती थी। इस जगह को लेकर अनुमान है कि यहाँ करीब 10 लाख से भी ज्यादा मनुष्य और 5 लाख पशु मारे गए थे। इसके अलावा कई पौराणिक कथाओं से संबंधित नाटक भी यहां आयोजित किये जाते थे। यहां पर एक साल में 2 बार भव्य आयोजन किये जाते थे जिसको रोमन के लोग बेहद पसंद करते थे।
मध्यकाल की शुरुआत में इस इमारत में सार्वजानिक कामों के लिए बंद कर दिया गया था और बाद में इसको रहने, धार्मिक कामों, किले, और तीर्थ स्थल के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है। वर्तमान में इस संरचना की बात करें तो यह भूकंप और पत्थर चोरी के की वजह से एक खंडहर बन चुकी है। लेकिन आज भी इस खंडहर को यहां आने वाले पर्यटकों के लिए अच्छी तरह से सजा कर रखा गया है।
आज भी यह स्थान रोमन साम्राज्य के वैभव को बताता है। यह रोम में पर्यटकों द्वारा पसंद की जाने वाली जगहों में से एक है। इस ऐतिहासिक स्थल को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थलों की सूचि में भी शामिल किया गया है। आज भी इस जगह पर हर गुड फ्राइडे को पोप यहाँ मशाल जलाकर जुलूस निकालते हैं।
कोलोसियम के रोचक तथ्य
- बता दें कि कोलोसियम को फ्लेवियन एम्फीथिएटर के नाम से भी जाना जाता है, जिसका निर्माण एक अंडाकार आकार में किया गया है।
- साल 2007 में कोलोसियम को दुनिया के 7 अजूबों में से एक के रूप में चुना गया था।
- कोलोसियम का निर्माण 72 ईस्वी और ईस्वी के बीच किया गया था, जो इटली शहर के केंद्र में स्थित है।
- कोलोसियम की दीवार की उंचाई 157 फीट और परिधि 1788 फीट है।
- इस आकर्षक संरचना को बनाने में पत्थरों और ईंटों के साथ 1.1 मिलियन टन कंक्रीट इस्तेमाल हुआ था।
- आपको जानकर हैरानी होगी कि कोलोसियम में 80 से भी ज्यादा प्रवेश द्वार हैं और यह दुनिया के सबसे प्रसिद्ध रोमन पर्यटक आकर्षणों में से एक है।
- रोम के कोलोसियम में लगभग 50000 लोगों के बैठने की जगह है।
- कोलोसियम के निर्माण के समय लगभग 200 बैलगाड़ियों का उपयोग मार्बल्स के परिवहन में किया गया था।
- कोलोसियम ने केवल रोमन गणराज्य में लोगों के मनोरंजन के लिए ग्लैडीएटर युगल की मेजबानी की थी।
- इसके निर्माण के लिए करीब 100,000 क्यूबिक मीटर पत्थर का इस्तेमाल किया गया है।
- कोलोसियम का निर्माण फ़्लेवियन राजवंश के सम्राट वेस्पासियन ने किया था।
- यह इटली में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले स्मारकों में से एक है। हर साल यहाँ 4 मिलियन से भी ज्यादा पर्यटक घूमने के लिए आते हैं।
- सबसे ज्यादा हैरान कर देने वाली बात यह है कि यहां पर सिर्फ मनोरंजन के लिए खेलों में 5 लाख लोगों और 1 लाख जानवरों की जान गई है।
- यहाँ पर आखिरी रिकॉर्ड किये गए खेल 6 वीं शताब्दी में आयोजित किये गए थे।
- कोलोसियम की इमेज को पाँच-सेंट यूरो के सिक्कों में देख सकते हैं। हर गुड फ्राइडे पर यहाँ मशाल का जुलूस निकाला जाता है। कोलोसियम आज भी रोमन कैथोलिक चर्च के साथ घनिष्ठ संबंध रखता है।
- 847 में आये एक बड़े भूकंप ने कोलोसियम के दक्षिणी भाग को नष्ट कर किया गया था।
- 80 ईस्वी में टाइटस ने कोलोसियम की शुरुआत में 100 दिन का खेल आयोजित किया था। यह वनस्पति विज्ञानियों के लिए एक लोकप्रिय जगह है।
- सेंट पीटर की बासीलीक के निर्माण के लिए कोलोसियम के कुछ टूटे हुए टुकड़ों का इस्तेमाल किया गया है।
- कोलोसियम को बनाने के लिए 60,000 यहूदी दासों ने काम किया था, जो 6 एकड़ के क्षेत्र को कवर करता है।
- कोलोसियम को रोम के लोगों के लिए एक उपहार के रूप में बनाया गया था।
- इस विशाल एम्फीथिएटर 10 साल से भी कम समय लगा था।
- यहां की सबसे बड़ी सीट बॉक्स में बैठने वाले सम्राट की थी, जो अखाड़े का सबसे अच्छा दृश्य प्रदान करता था।
- 80 ईस्वी में टाइटस के शासनकाल के दौरान कोलोसियम के अंदर समुद्री युद्ध हुआ था।
- कोलोसियम के टिकट प्राचीन रोमनों के लिए पूरी तरह से मुफ्त थे।
- अगर आज के हिसाब से कोलोसियम की लागत का हिसाब लगाया जाए तो यह 39 मिलियन यूरो से अधिक होगी।
कोलोसियम का स्वर्ण युग
COLOSSEUM ITALY INFORMATION IN HINDI : इस एम्फीथिएटर के आगमन के बाद से यह रोमन साम्राज्य के स्वर्ण युग का एक गौरवशाली प्रतीक बन गया है। यह पहली शताब्दी से पाँचवीं शताब्दी तक जारी रहा। धीरे-धीरे, जनता के बीच रुचि के बदलाव ने इसकी मनोरंजन आवृत्ति को धीमा कर दिया।
यह तब है जब छठी शताब्दी ईस्वी में शक्ति का क्रूर और भयानक प्रदर्शन बंद कर दिया गया था। एम्फीथिएटर सीधे 500 वर्षों तक वहाँ मजबूती से खड़ा रहा लेकिन रोमन सम्राटों द्वारा आयोजित नियमित कार्यक्रमों से इसे भारी क्षति हुई। जैसा कि इतिहासकारों ने बताया है, क्षति के अन्य कारण भूकंप और बिजली गिरना हैं। यह अपने चरम काल में कोलोसियम की सशक्त छवि थी।
आधुनिक कोलोसियम
19वीं शताब्दी में इसकी संरचना का पता लगाने के लिए पुरातत्वविदों द्वारा खुदाई शुरू की गई थी। यह परिसर कोलोसियम के नीचे सुरंगों और मंच के पीछे दिखाई दिया। फर्श पर ऐसे दरवाजे हैं जो खुल सकते हैं और जानवरों या वक्ताओं को हवा से बाहर निकाल सकते हैं। इस लकड़ी के फर्श को हटाना पड़ा क्योंकि इसे मौसम की स्थिति से गंभीर झटका लगा था।
पुराना फर्श 80 ईस्वी में ज्वालामुखीय चट्टानों, लकड़ी, कंक्रीट और चूना पत्थर से बनाया गया था। नई मंजिल लकड़ी और कार्बन फाइबर से बनी है और इसका क्षेत्रफल लगभग 3000 वर्ग मीटर है। नई मंजिल 2023 के अंत तक पूरी हो जाएगी। यह समृद्ध रोमन कोलोसियम इतिहास का आधुनिक परिदृश्य है।
विरासत का प्रतीक (COLOSSEUM ITALY INFORMATION IN HINDI)
कोलोसियम रोमन साम्राज्य की वास्तुकला, वीरता, शक्ति और उन्नति का प्रतीक है। इसकी उपस्थिति निश्चित रूप से गौरवान्वित करती है कि वह समय कितना उल्लेखनीय था जब रोमनों ने विशाल वास्तुकला की कला में महारत हासिल की थी।
भले ही इस पर मौसम, बिजली और भूकंप की मार पड़ी हो, फिर भी यह खड़ा है और दुनिया भर से बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह अब यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है और विश्व इतिहास में एक मील का पत्थर है।
निष्कर्ष
रोमन साम्राज्य की शान बढ़ाने वाला कोलोसियम।
लेख के जरिये कोलोसियम इटली के बारे में सबंधीत सम्पूर्ण जानकारी दी है। आपको अच्छी तरह से समझ आया होगा।
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FAQ
Q.कोलोसियम का असली नाम क्या है?
A.उनके बेटे टाइटस, बाद में एक फ्लेवियन सम्राट, ने 80 ईस्वी में 100 दिनों के ग्लैडिएटर खेलों के साथ अखाड़ा खोला। जब टाइटस ने अखाड़ा खोला, तो उन्होंने फ्लेवियन राजवंश के सम्मान में इसे एम्पिथेट्रम फ्लेवियम (फ्लेवियन एम्फीथिएटर) नाम दिया- “कोलोसियम” नाम बहुत बाद तक संरचना से जुड़ा नहीं था।
Q.कोलोसियम को हिंदी में क्या कहते हैं?
A.रोमन साम्राज्य का शानदार स्मारक कोलोसियम इटली का है। प्राचीन रोमन सभ्यता में कोलोसियम का अर्थ है गुलामों को आपस में लड़ाने और भयानक जानवरों से संघर्ष करने के लिए विशाल अखाड़ा।
Q.कोलोसियम में कौन से खेल खेले गए थे?
A.कोलोसियम में होने वाले तमाशे मूल रूप से दो प्रकार के होते थे: ग्लैडीएटोरियल लड़ाइयाँ (प्राचीन काल में मुनेरा कहा जाता था) और क्रूर जानवरों का नकली शिकार (तथाकथित वेनेशनेस)।
Q.कोलोसियम पहला स्टेडियम था?
A.जबकि ईसा से लगभग आधा दर्जन शताब्दियों पहले यूनानियों ने हमें स्टेडियम दिए थे, उसके बाद पहली कुछ शताब्दियों में स्टेडियमों को वास्तव में एक बड़ा बदलाव देने के लिए रोमनों को श्रेय दिया जाता है। 80 ईस्वी में निर्मित कोलोसियम, आज भी सभी आधुनिक स्टेडियमों के जनक के रूप में कार्य करता है।
Q.कोलोसियम बनाने में कितना समय लगा?
A.कोलोसियम का निर्माण सम्राट वेस्पासियन द्वारा शुरू किया गया था और उनके बेटे टाइटस द्वारा पूरा किया गया था। कोलोसियम को बनाने में कितना समय लगा? कोलोसियम का निर्माण केवल आठ वर्षों में, 72 ईस्वी से 80 ईस्वी तक, 100,000 क्यूबिक मीटर से अधिक पत्थर और कंक्रीट का उपयोग करके किया गया था।
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